Naxalites surrendered : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपए का इनाम घोषित था। नक्सलियों ने राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। इनमें 10 महिलाएं थीं। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री मोदी के राज्य दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्यबल (एसटीएफ), सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। इनमें 10 महिलाएं थीं।
बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने कहा, नक्सलियों ने खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा आदिवासियों के शोषण और आंदोलन के भीतर पनप रहे मतभेदों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण किया है। वे सुरक्षाबलों द्वारा शिविर लगाए जाने और नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसके तहत सुरक्षा बल और प्रशासन दूरदराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 50 नक्सलियों में से रविन्द्र करम (19), रोनी पारसिक (22), राकेश कड़ती (30), कोपे लेकाम (24), शांति ताती (22) और सोनू हेमला (22) पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) नंबर एक सहित विभिन्न माओवादी संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर थे और प्रत्येक पर आठ-आठ लाख रुपए का इनाम घोषित था।
यादव ने कहा, तीन नक्सलियों पर पांच-पांच लाख रुपए तथा पांच पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्यबल (एसटीएफ), सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई है। उन्होंने नक्सलियों से सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 50 नक्सलियों के आत्मसमर्पण की सराहना की और कहा कि जो लोग हथियार डालकर विकास का रास्ता अपनाएंगे, उनका पुनर्वास किया जाएगा। शाह ने एक्स पर लिखा, यह बहुत हर्ष का विषय है कि बीजापुर में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया। हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूं।
गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति स्पष्ट है कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर विकास का मार्ग अपनाएंगे, उनका पुनर्वास कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। शाह ने कहा, 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद इतिहास बन जाएगा, यह हमारा संकल्प है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के सकारात्मक परिणाम जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। साय ने एक बयान में कहा, नक्सलवाद के दुष्चक्र में फंसे लोग अब हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। हमारी सरकार हर उस व्यक्ति के पुनरुत्थान के लिए तैयार है जो हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति का रास्ता अपनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के संकल्प का परिणाम है। साय ने कहा, सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, नियद नेल्लानार योजना के तहत स्कूलों और अस्पतालों की स्थापना ने बस्तर क्षेत्र में सरकार के प्रति विश्वास और उम्मीद की लौ जलाई है। यह सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं है, यह विश्वास की वापसी है। जो कल भय का प्रतीक थे, वे आज भविष्य की आशा बन रहे हैं।
उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ अब शांति, विकास और नई चेतना के पथ पर आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन सरकार (दिसंबर 2023 से) के तहत अब तक राज्य में 2200 से अधिक नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है। 350 से अधिक नक्सली मारे गए हैं।
यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री मोदी के राज्य दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ। दोपहर में, बिलासपुर जिले के मोहभट्ठा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हालात तेजी से बदल रहे हैं और नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति का एक नया युग शुरू हो रहा है।
उन्होंने कहा, बीते दशकों में कांग्रेस की नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ समेत देश के अनेक राज्यों में नक्सलवाद को बढ़ावा मिला। देश में जहां-जहां अभाव रहा, जो-जो क्षेत्र विकास से पीछे रहे, वहां-वहां नक्सलवाद फलता फूलता रहा। लेकिन जिस दल ने 60 साल सरकार चलाई उसने क्या किया। उसने ऐसे जिलों को पिछड़ा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।
सुरक्षाबलों ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 11 महिलाओं सहित 18 नक्सलियों को मार गिराया, जो 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन में एक बड़ी सफलता है। इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 134 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 118 बस्तर संभाग में मारे गए। पुलिस के अनुसार, 2024 में सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour