Punjab AAP MLA news in hindi : पंजाब में आम आदमी पार्टी की विधायक नरिंदर कौर भारज पर मंजीत सिंह काका नामक एक शख्स ने पैसे लेने के बावजूद उसे संगरूर जिले में भवानीगढ़ ट्रक यूनियन का अध्यक्ष नहीं बनाने का आरोप लगाया। हालांकि, विधायक ने इस आरोप से इनकार किया है।
मंजीत सिंह काका ने एक वीडियो क्लिप में संगरूर की आप विधायक और कुछ अन्य के खिलाफ आरोप लगाने के बाद जहरीला पदार्थ खा लिया। बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी के नेताओं ने आप विधायक पर हमला बोला और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वीडियो क्लिप में काका ने दावा किया कि विधायक भारज और कुछ अन्य लोगों ने उन्हें ट्रक यूनियन का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए उनसे पैसे मांगे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने यूनियन का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए 30 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन बावजूद इसके उन्हें नियुक्त नहीं किया गया।
बाद में उन्होंने ट्रक यूनियन के कार्यालय के बाहर कथित तौर पर कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया। पुलिस ने कहा कि काका को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की कट्टर ईमानदार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संगरूर की विधायक नरिंदर कौर भारज को भवानीगढ़ में ट्रक युनियन अध्यक्ष पोस्ट की निलामी के लिए शर्म आनी चाहिए। इस वर्ष बड़ा बिडर मिलने पर उन्होंने अपने राइट हेंड गुरप्रीत सिंह को मंजित काका को 30 लाख रुपए लौटाने को कहा। काका को अध्यक्ष बनाने का वादा किया गया था। उन्हें इस पोस्ट के लिए किसी अन्य व्यक्ति ने 55 लाख रुपए ऑफर किए थे।
Shame on @AamAadmiParty Mla Sangrur Narinder Kaur Bharaj for auctioning the post of President Truck Union Bhawanigarh annually !
This year bcoz she got a higher bidder she asked her right hand man Gurpreet Singh (in pic) to return 30 Lacs to Manjit Kaka who was promised… pic.twitter.com/icazoDU4mG
इस बीच, संगरूर विधायक भारज ने भवानीगढ़ ट्रक यूनियन चुनाव में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया यूनियन के सदस्यों द्वारा बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से आयोजित की गई थी। उन्होंने मामले की गहन जांच की मांग की और 30 लाख रुपये की नकदी के स्रोत पर सवाल उठाया।
भारज ने एक बयान में कहा कि भवानीगढ़ ट्रक यूनियन के चुनाव से मेरा कोई संबंध नहीं है। यह एक गैर-सरकारी संस्था है और पूर्व पदाधिकारियों द्वारा परंपरा के अनुसार, दलीय राजनीति से मुक्त होकर चुनाव कराया गया था। इस चुनाव से मुझे जोड़ने वाले आरोप पूरी तरह से निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं।
भारज ने एक वीडियो साझा कर चुनाव प्रक्रिया में एक पूर्व कांग्रेस नेता और भाजपा की राज्य परिवहन शाखा के नेता की संलिप्तता का दावा किया। उन्होंने कहा कि यूनियन के चुनाव पूर्व नेताओं और ऑपरेटरों के बीच आपसी सहमति से कराए गए थे।
उन्होंने दावा किया कि वीडियो में दिख रहे लोगों में एक पूर्व कांग्रेस नेता, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता और भाजपा के राज्य परिवहन शाखा के नेता शामिल हैं। इस प्रक्रिया का मुझसे या आप से कोई संबंध नहीं है। विपक्ष राजनीतिक लाभ उठाने के लिए मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन तथ्य स्पष्ट हैं। भारज ने मामले में व्यापक पुलिस जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए कि 30 लाख रुपये कहां से आए। जिन लोगों ने पैसे दिए या लिए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। गलत काम बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, चाहे इसमें कोई भी शामिल हो।