रामनगरी अयोध्या पहुंचे जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने आज सरयू का आचमन किया और सरयू में स्नान कर अपने आधुनिक वस्त्रों का त्याग किया तत्पश्चात हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास के द्वारा भेंट किए गए भगवा वस्त्र को धारण किया।पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सरयू के तट पर उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किए।
सरयू में पूजन-अर्चन के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने कहा कि मां सरयू में स्नान कर अपने दुनियावी कपड़ों को त्याग दिया है और पुजारी राजू दास द्वारा भेंट किए गए भगवा वस्त्रों को धारण किया है। अपना बाकी बचा हुआ जीवन धर्म-कर्म, हिंदुओं की रक्षा, हिंदुओं की संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित कर दूंगा।
पूरी दुनिया के जिहादी और आतंकी हमको मारना चाहते हैं, हमारे सिर पर इनाम भी रखा है लेकिन मेरी तरफ से उनको चैलेंज है कि आकर मेरा सर काट लें। अगर मुमकिन हो कभी वह मेरा सर काट लें तो मैं भगवान के दरबार में देवी-देवताओं के दरबार में अपना कटा हुआ सर लेकर भगवे वस्त्र में हाजिरी दूं, यह मेरी कामना है।
भगवा धारण कर उन्होंने कहा कि आज जीवन का वह धार्मिक पल शुरू हुआ है जो सनातन धर्म के लिए कुछ करना है। सबसे पहले हिंदुओं का कल्याण होना चाहिए और उनके अंदर का भय मिटना चाहिए।जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को भगवा वस्त्र धारण कराने के बाद महंत राजू दास ने कहा कि सनातन धर्म में जितेंद्र नारायण का स्वागत है।