पन्नीरसेल्वम होंगे चीफ, पलानीस्वामी बने रहेंगे सीएम और शशिकला होंगी बाहर!

Webdunia
सोमवार, 21 अगस्त 2017 (11:48 IST)
चेन्नई। एआईडीएमके के दोनों गुटों के विलय की घोषणा जल्द ही हो जाएगी। घोषणा के बाद तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम पार्टी प्रमुख होंगे जबकि के. पलानीस्वामी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। 
 
मीडिया खबर अनुसार पन्नीरसेल्वमगुट के एक नेता ने यह जानकारी दी है। नेता के अनुसार सरकार पार्टी के वर्तमान पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाए बिना पार्टी के और सदस्यों के लिए विधान परिषद के पुनर्जीवन की संभावना पर भी विचार कर सकती है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री व एआईएडीएमके के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन ने 1986 में विधान परिषद को समाप्त कर दिया था।
 
मीडिया को नेता ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर कहा, जहां तक पार्टी मामलों का सवाल है, पन्नीरसेल्वम सबसे ऊपर और उसके बाद पलनीस्वामी का स्थान होगा। वहीं, सरकार में संभवत: पन्नीरसेल्वम उप-मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा, हमारे गुट के कुछ विधायकों को भी मंत्रिपरिषद में स्थान मिलेगा। पन्नीरसेल्वम गुट द्वारा सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नेता ने कहा, स्थिति में सुधार किया जाएगा। सरकार और पार्टी में चीजें ठीक की जाएंगी।
 
इससे पहले तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को बताया था कि अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों में विलय के लिए वार्ता सुचारू रूप से चल रही है और एक-दो दिन में इसका सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। वहीं, एमजीआर शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने तिरुवरूर पहुंचे मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने भी दोनों गुटों के जल्द एक होने का विश्वास जताया।
 
पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था, एआईएडीएमके में कोई मतभेद नहीं हैं और तमिलनाडु की जनता और एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं की इच्छानुसार विलय के लिए बातचीत सही प्रकार से जारी है। जितनी जल्द हो सकेगा, कोई अच्छा फैसला ले लिया जाएगा। 18 अगस्त को दोनों गुट विलय के करीब थे और मरीना बीच पर दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के स्मारक पर किसी घोषणा की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अंतिम क्षणों में पैदा हुई जटिलताओं के कारण इसमें देर हो गई।
 
विलय की स्थिति में एआईएडीएमके को अपना चुनाव चिन्ह दो पत्तियां वापस मिल जाएगा। एआईएडीएमके नेता के.पी. मुनुस्वामी ने शनिवार को इन खबरों को खारिज किया कि वह दोनों गुटों के विलय में रोड़ा अटका रहे हैं। लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी और राज्य के हित में शशिकला को पार्टी से निकाला जाना जरूरी है। (एजेंसी)
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