अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बजाय उनका मन स्टार प्रचारक बनकर दूसरे राज्यों में जाने और उनके शहरों के नाम बदलवाने में ज्यादा लगता है।प्रदेश के अन्नदाता की भाजपा सरकार को परवाह नहीं।किसानों के प्रति नफरत रखना, उन्हें आतंकवादी और गुंडा बताना भाजपा की ओछी मानसिकता का प्रदर्शन है
खेती,किसान,गांव में रहने वालों और गरीबों के लिए भाजपा में कोई हमदर्दी नहीं।उन्हें चिंता है तो बस कॉर्पोरेट घरानों की कि कैसे उनकी झोलियां भरी जाएं और प्रदेश की संपत्ति उनकी मर्जी से बंधक बनाई जाए।किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का निकृष्टतम रूप है।ये अमीरों की पक्षधर,भाजपा का खेती-खेत छोटा व्यापार,दुकानदारी, सड़क परिवहन सबकुछ, बड़े लोगों को गिरवी रखने का षड्यंत्र है।
अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी है तो भाजपाई कसम खाए उनका उगाया अन्न नहीं खाएंगे।भाजपा-आरएसएस की रीति-नीति ही यही है कि जनसामान्य के हितों के मुद्दों से ध्यान भटकाया जाए और व्यर्थ के मुद्दों में उलझाया जाए।गरीबी,भुखमरी,अशिक्षा, बेकारी जैसी समस्याओं के निदान के उपाय सोचने की मुख्यमंत्री जी को फुर्सत नहीं है।भाजपा सरकार के रहते हालात सुधरने वाले नहीं हैं।