मायावती ने कहा कि जब बसपा ने सपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तब हमने पहले दिन से ही कड़ी मेहनत की थी। दूसरी ओर, सपा प्रमुख कहते रहे कि हमें 1995 का केस वापस ले लेना चाहिए। दरअसल, उनकी रुचि चुनाव से ज्यादा मुकदमे वापस लेने में थी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि 2003 में मुलायमसिंह यादव ने बसपा तोड़ी थी, उनकी बुरी गति हुई थी। अब यही काम उनके बेटे अखिलेश ने किया है, उनकी भी वही स्थिति होगी। उन्होंने कहा कि 1995 का गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना उनकी सबसे बड़ी भूल थी।