53 वर्षीय शाह 1997, 1998, 2002 और 2007 (चारों बार सरखेज विधानसभा क्षेत्र से) तथा 2012 में (परिसीमन के चलते सरखेज विधानसभा क्षेत्र के समाप्त हो जाने के बाद) नाराणपुरा से लगातार जीतते रहे हैं।
उन्होंने एक गुजराती पत्रिका से साक्षात्कार में ये संकेत दिए हैं कि इस बार वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपनी बड़ी राष्ट्रीय भूमिका की ओर इशारा करते हुए गुजरात में चुनाव लड़ने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है, पर इस बारे में पार्टी का जो भी फैसला होगा, वे उस पर अमल करेंगे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि किसी भी पार्टी को अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर चुनाव लड़ना चाहिए, न कि विरोधियों की कमजोरियों को लेकर। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार गुजरात में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाली भाजपा सरकार पर किसी प्रकार का सत्ताविरोधी असर नहीं होगा। शाह ने कहा कि इस तरह की बात विरोधी 2002, 2007, 2012 के विधानसभा चुनाव तथा 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कर रहे थे। (वार्ता)