वर्ष 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेताओं के मंत्री पद पाने के रास्ते में आयु सीमा कथित तौर पर रुकावट बनी थी। सिन्हा ने बाद में तीखी प्रतिक्रिया में कहा था, भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक आयु के अपने नेताओं को '26 मई 2014 को दिमागी तौर पर शून्य घोषित' कर दिया है।