मुठभेड़ के बाद झांसी के बड़ागांव थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, पुलिस टीम को बिना नंबर की डिस्कवर मोटरसाइकल पर सवार होकर दोनों आरोपियों के कहीं जाने के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी और उसके बाद पुलिस ने उन्हें (असद और गुलाम को) रुकने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कच्ची सड़क से भागने की कोशिश की और बबूल की झाड़ियों के पास फिसलकर गिर गए। तत्पश्चात आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से पुलिसकर्मियों पर गोलियां चला दीं।
प्राथमिकी में कहा गया है, आरोपियों का रास्ता रोकने वाली टीम के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दोनों को जिंदा पकड़ने की कोशिश की, लेकिन दूसरी ओर से गोलीबारी जारी रही। अंतत: एसटीएफ के जवानों को आत्मरक्षा में जवाबी गोलियां चलानी पड़ीं।
प्राथमिकी में कहा गया है कि चूंकि दोनों की सांसें चल रही थीं, इसलिए उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए एंबुलेंस में ले जाया गया, लेकिन जब वे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इसमें कहा गया है कि मौके से रिवॉल्वर, इस्तेमाल हो चुके कारतूस के अवशेष, जिंदा कारतूस, मोटरसाइकल और अन्य सबूत एकत्र किए गए हैं।
पुलिस को सूचना मिली थी कि असद और गुलाम दोनों को एक रात पहले झांसी के चिरगांव बस्ती में देखा गया था और ऐसी संभावना थी कि वे गुरुवार को भी चिरगांव में मौजूद रहेंगे। प्राथमिकी में कहा गया है कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि असद और गुलाम को बिना नंबर वाली दो डिस्कवर मोटरसाइकल पर झांसी के चिरगांव कस्बे में घूमते हुए देखा गया है और अगर त्वरित कार्रवाई की जाती है तो उन्हें पकड़ा जा सकता है।