उन्होंने भेड़ पालकों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें संबल प्रदान करने के लिए उनको केंद्र सरकार के एसडीआरएफ दिशा-निर्देशों के अनुसार देय सहायता राशि से अधिक मुआवजा देने का निर्णय लेते चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि सहायता राशि जल्द से जल्द संबंधित भेड़ पालकों को हस्तांतरित करने की व्यवस्था की जाए।
उल्लेखनीय है कि एसडीआरएफ दिशा-निर्देशों के अनुसार आपदा राहत के रूप में लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम 30 छोटे पशुओं के लिए प्रति पशु 3 हजार रुपए सहायता देय है। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में अधिकतम पशु संख्या 30 के स्थान पर 60 और मुआवजा राशि 3 हजार रुपए प्रति पशु से बढ़ाकर 6 हजार रुपए कर दी है। एसडीआरएफ मानदंड के अतिरिक्त देय सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से वहन की जाएगी जिस पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च होंगे।