अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने अधिकारियों से पूछा है कि पहले के सरकारी आदेशों पर अमल क्यों नहीं हो सका है। पॉलिथीन बैग खुले बाजार में कैसे बिक रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सितंबर से यदि पॉलिथीन बैग बाजार में दिखते हैं तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित थाने और जिम्मेदार अधिकारियों की होगी। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर कहा, हमसे पहले ही कहा जा चुका है कि 50 माइक्रान से कम पॉलिथीन पर प्रतिबंध है लेकिन पॉलिथीन और प्लास्टिक से निर्मित पैकेजिंग उत्पाद की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। हम सिर्फ उन्हीं उत्पादों को जब्त करते हैं, जिनके लिए हमारे वरिष्ठ अधिकारी अनुमति देते हैं।
यहां दिलचस्प है कि पिछले एक साल के दौरान पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने का यह चौथा फरमान है। इससे पहले 15 जुलाई 2018 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पॉलिथीन और प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश को पॉलिथीन और प्लास्टिक मुक्त करने के साथ ही 2 अक्टूबर को थर्मोकाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रतिबंध पर अमल करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि स्वच्छ भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षा परियोजना है और इसको पारदर्शिता के साथ अमल में लाना हर एक का नैतिक दायित्व है। इसके बावजूद पिछले दिनों जब लखनऊ नगर निगम प्रशासन ने दुकानों पर छापामार अभियान शुरू किया तो बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलिथीन बरामद की गई।