उल्लेखनीय है कि मंगलवार रात को इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था और दोनों समुदाय आमने-सामने हो गए थे। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हलका लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पत्रकारों को भी अपने साथ ले गए और उन्हें हकीकत से रूबरू कराया।
यह है असलियत : विशेषज्ञों का मानना है कि हमीदिया अस्पताल परिसर के जिस हिस्से को मस्जिद बताकर नमाज पढ़ने की जिद की जा रही है, दरअसल वह स्थान फतेहगढ़ किले का पुराना दरवाजा है। इतना ही नहीं इसके दरवाजे पर प्रथम विश्वयुद्ध में जाने वाले सिपाहियों की स्मृति में शिलालेख भी लगा है।