मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि 'कांग्रेस की MPसरकार ने पूर्ववर्ती बीजेपी की तरह गौहत्या के शक में मुसलमानों पर रासुका के तहत् बर्बर कार्रवाई की। अब UP बीजेपी सरकार ने AMU के 14 छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया। दोनों सरकारी आतंक है व अति-निन्दनीय। लोग फैसला करें कि दोनों सरकारों में क्या अन्तर है?'
मायावती के ट्वीट के मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई। सूबे में कांग्रेस सरकार को बसपा अपना समर्थन दे रही है, जिसके सदन में दो विधायक है। दमोह के पथरिया से बसपा विधायक रमाबाई ने पहले ही अपने को मंत्री नहीं बनाए जाने पर सरकार से समर्थन वापसी की धमकी दे चुकी है।
बसपा सुपीमो मायावती का इस बयान के मायने उस वक्त और बढ़ गया, जब 18 मार्च से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। सदन में अपने बल पर बहुमत से दूर कमलनाथ सरकार को पहले ही समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक खुद को मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुके है और मंत्री न बनाए जाने पर समर्थन वापस लेने का इशारा भी कर चुके हैं।