यह बस सेवा 7 अप्रैल 2005 में शुरू हुई थी। वर्ष 1947 के बंटवारे के समय बिछुड़े हजारों परिजनों को मिलवाने में कारवां-ए-अमन ने मदद की है। दोनों देशों के बीच पासपोर्ट की बजाय ट्रैवल परमिट से यात्रा की अनुमति देने पर सहमति बनी है लेकिन खुफिया जांच के बाद ही लोगों को यात्रा की अनुमति है। (वार्ता)