इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के हित में नई योजना 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' लांच की जा रही है। इस योजना को लागू करने की स्वीकृति तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा दी गई। इस योजना के तहत युवाओं को इच्छानुसार काम सीखने के साथ ही हर महीने निश्चित स्टायपेंड भी मिलेगा।
यह स्टायपेंड 8 हजार रुपए से 10 हजार रुपए प्रतिमाह तक का रहेगा। यह योजना युवाओं के स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक बनेगी। इस योजना से एक लाख युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा। योजना के अंतर्गत कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से एक हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
इस योजना अंतर्गत 18 से 29 वर्ष के ऐसे युवा जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हैं तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे पात्र होंगे। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8 हजार से 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान की जाएगी।
संबंधित प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि छात्र/प्रशिक्षाणार्थी के बैंक खाते में जमा करनी होगी। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेंड देने के लिए स्वतंत्र होंगे। प्रशिक्षण उपरांत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट काउंसिल फॉर वॉकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।