चक्रवात निसर्ग ने बुधवार को यहां से करीब 110 किलोमीटर दूर अलीबाग के समीप दस्तक दी लेकिन पहले से ही कोविड-19 से जूझ रहे देश के आर्थिक केंद्र पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। विभाग ने ट्वीट किया कि गहरे दबाव का क्षेत्र पूर्व-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते हुए 4 जून को भारतीय समयानुसार 5.30 बजे पश्चिमी विदर्भ (महाराष्ट्र) में दबाव के क्षेत्र में बदल गया और आज गुरुवार शाम तक यह कम दबाव के क्षेत्र के रूप में कमजोर पड़ जाएगा।
महाराष्ट्र के तटीय जिलों में बुधवार दोपहर 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पहुंचने के बाद यह चक्रवात शाम में कमजोर पड़ गया। पड़ोसी तटीय जिलों रायगढ़ और पालघर में इस तूफान का असर पड़ा। वहां तेज हवाएं चलीं, भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरें उठीं। तटीय इलाकों के कुछ हिस्सों में 6 से 8 फुट ऊंची लहरें उठीं। कुछ स्थानों पर आवासीय अपार्टमेंट की छतों पर लगी टिन की छतें उखड़ गईं और कई पेड़ तथा बिजली के खंभे भी उखड़ गए।