दार्जिलिंग में 11वें दिन भी बंद, गुरुंग पर हत्या का मामला

गुरुवार, 22 जून 2017 (14:54 IST)
दार्जिलिंग/ सिलीगुड़ी। पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन हड़ताल के गुरुवार को 11वें दिन ताजा घटनाक्रम में पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष विमल गुरुंग और उनकी पत्नी आशा खिलाफ गत शनिवार को सिंगमाड़ी हिंसा में तीन युवकों की मौत की घटना को लेकर हत्या का मामला दर्ज किया है।
 
इस बीच राज्य सरकार की ओर से सिलीगुड़ी स्थित सरकारी विश्रामगृह में आयोजित बैठक में भाग लेने कांग्रेस, वामदल और भाजपा ने यह कहकर इंकार कर दिया कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा नहीं लेती हैं, वे बैठक में शामिल नहीं होंगे। सुश्री बनर्जी इन दिनों नीदरलैंड की यात्रा पर हैं। दार्जिलिंग हिल्स में सक्रिय एवं जीजेएम प्रायोजित बैठक में शामिल हुए सभी 12 राजनीतिक दल पहले की मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार का निर्णय ले चुके है। 
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष जहां त्रिपक्षीय बैठक बुलाए जाने की मांग कर रहे हैं, वहीं माकपा ने आरोप लगाया है कि दार्जिलिंग हिल्स की मौजूदा स्थिति के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं और उन्हें चाहिए कि वह बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व करें। पृथक गोरखालैंड समर्थकों ने सिलीगुड़ी में सरकार प्रायोजित बैठक के दौरान हिल्स में रैलियां निकालने का निर्णय लिया है। 
 
एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने गत शनिवार को सिंगमाड़ी हिंसा में तीन युवकों की मौत की घटना को लेकर जीजेएम के अध्यक्ष विमल गुरुंग और उनकी पत्नी आशा तथा कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बिजोनबाड़ी में बुधवार रात संदिग्ध गोरखा समर्थकों ने तृणमूल नेता रमेश कडारिया की कार में आग लगा दी।
 
पुलिस ने बुधवार रात जीजेएम के 11 नेताओं के घरों में छापा मारा, लेकिन इनमें से कोई भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका। पर्यटकों तथा बड़ी संख्या में अपने विभिन्न कार्यों के लिए दार्जिलिंग आए लोग यहां से निकलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकारी और सार्वजनिक परिवहन ठप होने के कारण उन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, जीजेएम ने कल शुक्रवार की सुबह से बोर्डिंग स्कूलों और कॉलेजों में फंसे छात्रों की रवानगी के लिए स्कूल बसों को 12 घंटे की छूट दिए जाने की घोषणा की है। 
 
राज्य सरकार के एक आकलन के मुताबिक दार्जिलिंग हिल्स के मौजूदा हालात में डेढ़ सौ करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचा है, जिसमें 40 करोड़ रुपए की क्षति चाय उद्योग को हुई है। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से 160 करोड़ का नुकसान हुआ है जिसमें पर्यटन मुख्य रूप से शामिल है। (वार्ता)

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