इससे एक संकेत तो यह मिलता है कि दिल्ली के बाद पंजाब में पांव जमाने वाली आम आदमी पार्टी भविष्य में उत्तराखंड में भी अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर सकती है। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिस तरह से दिल्ली में काम हुए हैं, उसकी धमक दूसरे राज्यों तक भी पहुंच चुकी है।