धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की 28 जुलाई की सुबह धनबाद में टहलने के दौरान कथित तौर पर एक ऑटो की टक्कर से मौत हो गई थी। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर मामले के त्वरित अनुसंधान और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। इससे पूर्व शुक्रवार को धनबाद के दिवंगत न्यायाधीश उत्तम आनंद के परिजनों ने सोरेन से मुलाकात की थी और इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार न्यायाधीश आनंद की मौत के मामले में बहुत गंभीर है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दिवंगत न्यायाधीश के परिजनों ने मंत्रालय में जब मुख्यमंत्री सोरेन से मुलाकात की तो उन्होंने इस दुखद घटना के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की तथा कहा कि सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ है और इस मामले की जांच को लेकर बहुत गंभीर है। परिजनों ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा उच्चस्तरीय जांच का आदेश देने एवं एसआइटी गठित करने पर संतोष व्यक्त किया था। वहीं मुख्यमंत्री से दिवंगत न्यायाधीश उत्तम आनंद की धर्मपत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए पहल करने का भी आग्रह परिजनों ने किया था।
इस बीच शुक्रवार को इस घटना के विरोध में राज्य के अधिवक्ताओं ने अपने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया था और रांची एवं धनबाद समेत अनेक स्थानों पर प्रदर्शन भी किया था। गुरुवार को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की बुधवार की सुबह हुई संदिग्ध मौत की जांच के लिए झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अभियान) संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था जिसे उच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच करनी थी।
दूसरी ओर पुलिस ने जांच में उपलब्ध तकनीकी साक्ष्य के आलोक में अभी तक 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और घटना में प्रयुक्त ऑटो को जब्त किया गया है। पुलिस ने बताया था कि ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा सुनार पट्टी धनबाद का रहने वाला है जबकि दूसरा आरोपित राहुल वर्मा भी सुनार पट्टी धनबाद जोरापोखर का रहने वाला है। इनसे पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि अपनी लिखित शिकायत में न्यायाधीश की पत्नी प्रीति सिन्हा ने आरोप लगाया था कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी और यह इरादतन की गई हत्या है।(भाषा)