कैप्टन सिंह ने यहां कहा कि पंचकूला में बड़ी संख्या में डेरा समर्थकों पहुंचने देना ही हरियाणा सरकार की गलती थी जिससे बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि पंजाब में किए गए पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त की बदौलत ही उनके यहां कोई बड़ी घटना नहीं हुई। उन्होंने बताया कि डेरा समर्थकों ने रेलवे स्टेशन,सरकारी कार्यालयों और भवनों, टेलीफोन एक्सचेंज तथा निजी सम्पत्तियों को नुकसान
पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया।
मुख्यमंत्री के अनुसार पंचकूला में हिंसा और पुलिस फायरिंग में मारे गए 28 लोगों में सात पंजाब के थे। इनमें बठिंडा, पटियाला, संगरूर, बरलाला एवं फाजिल्का से एक एक तथा मुक्तसर के दो लोग शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया राज्य में हिंसा की मामूली घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में पूरी तरह से शांति है तथा जिन संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया वहां भी स्थिति नियंत्रण में है। (वार्ता)