श्रीनगर। कश्मीर घाटी में मौसम में काफी सुधार के बावजूद श्रीनगर में शुक्रवार को लगातार 6ठे दिन जनजीवन प्रभावित रहा। यहां आंतरिक क्षेत्रों की सड़कें, संपर्क मार्ग और अन्य छोटी सड़कें बर्फ से ढकी रही जिससे राहगीर और वाहनों की आवाजाही बहुत प्रभावित हुई।
श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों में जहां अंधेरा छाया रहा तो वहीं कुछ जगहों पर लगातार बिजली कटौती देखी गई। लोगों ने आरोप लगाया कि यहां पिछले 6 दिनों से श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) द्वारा कचरा नहीं उठाया गया है। बडशाह नगर के एक निवासी नाजिर अहमद ने बताया कि कुछ इलाकों में धूप की वजह से बर्फ पिघल गई है और सड़कों पर जलभराव हो गया है। श्रीनगर के बडशाह नगर, नातिपोरा, आजाद बस्ती, नौगाम, चनापोरा और आसपास के इलाकों में सड़कें साफ नहीं की गई हैं।
एसएमसी के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि सड़क एवं सीमा विभाग ने सड़कों और गलियों को साफ करने के लिए 48 जेसीबी और 64 ट्रैक्टरों सहित 110 मशीनें ली थीं और 900 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों को साफ किया गया था। छोटी गलियों, जहां मशीनें नहीं पहुंच सकती, वहां 1,000 से अधिक कर्मचारियों ने हाथ से सफाई की।
नातिपोरा के एक निवासी उमर गस्सी ने कहा कि अगर एसएमसी के पास बर्फ हटाने के लिए उचित उपकरण नहीं हैं तो उसे मुंबई में अध्ययन के दौरे के बजाय मशीनरी की खरीद पर धन का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि बीएमसी का मुंबई में मानसून से निपटने का रिकॉर्ड बेहद खराब है। वहां क्या है, जो वे वहां सीखेंगे? एसएमसी अधिकारी केवल छुट्टी मनाने जाना चाहते हैं और कुछ नहीं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मंजूर भट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन के श्रीनगर में भारी हिमपात से अवरुद्ध सड़कों को साफ करने के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि उन्होंने इस काम के लिए खुद व्यक्तिगत तौर पर जेसीबी मशीन मंगाई है।
इस पर श्रीनगर के महापौर जुनैद मट्टू ने प्रतिक्रिया देते हुए स्वीकार किया था कि श्रीनगर की 7,500 गलियों से बर्फ हटाने के लिए एसएमसी के पास उचित उपकरण नहीं हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार की कोशिश की जा रही है। 15 जेसीबी मशीनें और ट्रक पूरे श्रीनगर में 15,000 हजार गलियों को साफ करने के लिए पर्याप्त नहीं है। एसएमसी और अन्य विभागों को फावड़े से बर्फ साफ करते देखना शर्मनाक है। (वार्ता)