राज का कहना है कि टप्पू कोई मामूली गधा नहीं है। इसका कद साधारण गधों से सात इंच लंबा है। इसका इस्तेमाल केवल ब्रीडिंग के लिए किया जाता है। रोहतक के बेरी पशु मेले में उत्तर प्रदेश के एक ब्रीडर ने टप्पू को खरीदने के लिए 5 लाख रुपए की बोली लगाई थी, लेकिन उन्होंने बेचने से मना कर दिया।
टप्पू सबसे अलग है, इसलिए इसके नखरे उठाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। इसकी खुराक की बात करें तो यह हर दिन 5 किलोग्राम काले चने, 4 लीटर दूध और 20 किलो हरा चारा खाता है। खाने के बाद मीठे में टप्पू को लड्डू तो जरूर चाहिए नहीं तो यह झल्ला जाता है और इधर उधर भागने-दौड़ने लगता है। राज बताते हैं कि टप्पू पर एक दिन का खर्च लगभग 1000 रुपए आता है।
इसके अलावा टप्पू को सुबह शाम सैर पर जाने की भी आदत है। राजसिंह ने बताया जब टप्पू को खुले में घूमने के लिए ले जाया जाता है तो वह जमीन पर लोटकर मस्ती करने लगता है। इसके तबेले में गर्मी से बचने के लिए हर वक्त पंखा चलता रहता है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से ब्रीडर टप्पू की सेवाएं लेने आते हैं। ब्रीडिंग के लिए एक बार टप्पू के इस्तेमाल की कीमत 10 हजार रुपए है।