डॉ. अभिषेक कलंत्री, देश के जाने माने अर्थ्रोस्कोपी सर्जन और स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट है। हाल ही में अमेरिका के एक बड़े ग्लोबल फाउंडेशन ने उनको अपने एक वैश्विक अभियान से जोड़ा है। वे देश के पहले और अभी तक अकेले डॉक्टर है जिनको ये सम्मान मिला है। खिलाड़ियों को जागरुक कर चोट से बचाने के लिए चल रहे इस अभियान से जुड़ने वाले वे देश के एक एकमात्र डॉक्टर हैं।
फीफा से स्पोर्ट्स मेडिसिन में डिप्लोमा प्राप्त डॉ. कलंत्री के अनुसार किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने प्रदर्शन, प्रतिस्पर्धा और पुरस्कार से भी ज्यादा बड़ी चुनौती फिटनेस की होती है। एक चोट किसी भी खिलाड़ी की उम्र भर की तपस्या पर भारी पड़ सकती है।
SSIF संभवतः विश्व की पहली और एकमात्र संस्था है, जिसने खेल के दौरान होने वाले नजरअंदाज की जाने वाली चोट पर गहरा रिसर्च कर, इसके आधार पर खिलाड़ियों को लगने वाली गंभीर चोट और उनसे बचाव के तरीकों पर साइंटिफिक रिपोर्ट्स और मेन्यूअल प्रकाशित किए हैं। इसका उपयोग अब भारत में कोच, खिलाड़ियों, और खेल संगठनों को जागरुक करने में किया जा सकेगा।
इस मिशन को हर खिलाड़ी और खेल संगठन तक पहुंचाने के सिलसिले में डॉ. कलंत्री, पीवी सिन्धु, साइना नेहवाल, श्रीकांत किदांबी, सीके रेड्डी, सुमित रेड्डी, भारतीय महिला कुश्ती टीम के कोच कृपाशंकर पटेल से मिल चुके हैं। इन्होंने इस पहल का स्वागत कर देश में इसके प्रचार-प्रसार का भरोसा जताया है।
डॉ. अभिषेक ने बताया कि वे स्कूल, कॉलेज, फिजियो इंस्टीट्यूट्स, सार्वजनिक उपक्रम, पुलिस, बीएसएफ तथा सरकारी विभागों को भी इससे जोड़ना चाहते हैं ताकि बच्चों और सिपाहियों को चोट से बचना सिखाया जा सके। इसके लिए हर महीने सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
डॉ. कलंत्री ने बताया कि स्टॉप स्पोर्ट्स इन्ज्यूरीज फाउंडेशन (SSIF) की स्थापना अमेरिकन अर्थोपीडिक सोसायटी फॉर स्पोर्ट्स मेडिसिन्स ने वहां की 7 अन्य शीर्ष मेडिकल संस्थाओं को साथ लेकर की है। दुनिया के 70 से भी ज्यादा देशों के वरिष्ठ स्पोर्ट्स मेडिसीन डाक्टर्स, सर्जंस और कोच इससे जुड़े हुए हैं।