drought in karnataka: कर्नाटक में सूखे के हालात का जायजा लेने के लिए 4 दिवसीय दौरे पर पहुंचा 10 सदस्यीय अंतरमंत्रालयी केंद्रीय दल (IMCT) को प्रदेश सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी कि इस बार राज्य 'हरित सूखे' का सामना कर रहा है। प्रदेश सरकार (state government) ने दल से फसलों की वृद्धि और पैदावार जैसे कारकों के आधार पर आकलन करने का अनुरोध किया है।
'हरित सूखे' को आमतौर पर ऐसे समझा जाता है कि एक अवधि, जिसमें सीमित बारिश हुई हो और नए पौधों की वृद्धि हुई हो लेकिन वृद्धि अपर्याप्त होती है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में आईएमसीटी ने आज (गुरुवार) राज्य सरकार के मंत्रियों व शीर्ष अधिकारियों वाली 'आपदा प्रबंधन पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति' के साथ मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ भी बैठक की।
आईएमसीटी, बेलगाम, विजयपुरा, बागलकोट, धारवाड़, गदग, कोप्पल, बल्लारी, विजयनगर, चिकबलपुर, तुमाकुरु, चित्रदुर्ग, दावणगेरे और बेंगलुरु ग्रामीण जैसे सूखे से प्रभावित जिलों का दौरा करेगी। राज्य सरकार में राजस्व मंत्री कृष्णा बायर गौड़ा ने कहा कि हमने केंद्रीय दल के साथ सूखे के हालात पर विस्तार से चर्चा की और उन्हें इसके प्रभाव, विशेषतौर पर किसानों और उनकी आर्थिक स्थिति का पूरा चित्रण दिया है। हमने उनके साथ लगभग 2 घंटे तक फसल के नुकसान, अनुमान और इसके आंकड़ों पर चर्चा की और मौके पर निरीक्षण की रिपोर्ट की जानकारी भी साझा की।
बैठक के बाद यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय दल ने खुद को 3 टीमों में विभाजित कर लिया और वे आज से रविवार तक 11 जिलों का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों और कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों को उनके साथ रहने के लिए नियुक्त किया गया है। दौरे के बाद हम सोमवार को एक बार फिर से उनके साथ चर्चा करेंगे। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कम से कम 195 तालुका को सूखा प्रभावित घोषित किया है।(भाषा)