मेहता ने कहा, 'पुलिस को पता चला है कि डॉक्टर नशे में धुत्त होकर ड्यूटी पर आये थे। डॉक्टर के खिलाफ मद्य निषेध कानून के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके रक्त का नमूना जांच के लिए भेज दिया गया है।'
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, लापरवाही के आरोप की पुष्टि सिर्फ सिविल सर्जन के नेतृत्व वाली समिति ही कर सकती है। यदि रिपोर्ट सकारात्मक रही तो हम लापरवाही से जुड़ी आईपीसी की धाराओं में भी मामला दर्ज करेंगे।