बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार पर खतरा बरकरार है। शनिवार को कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने से राज्य में 13 माह पुरानी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार खतरे में पड़ गई है। अब तक के घटनाक्रम के ताजा बिंदु-
- कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के इस्तीफों को कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा की चाल बताया। सिद्धारमैया ने कि यह साफ है कि इन सभी के पीछे भाजपा ही है। यह ऑपरेशन कमल का हिस्सा है। चिंता की कोई बात नहीं, सबकुछ ठीक है। यहां कर्नाटक सरकार को कोई खतरा नहीं है।
- इन बागी विधायकों को मुंबई के होटल ले जाया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन्हें कांग्रेस के कोटे के बचे मंत्री पद की पेशकश की गई है। इन्हें यहां एक फाइव स्टार होटल में ठहराया गया है। बताया जा रहा है कि बागी विधायकों को ठहराने के लिए मुंबई के रिनेसां होटल में ले जाया गया है। जहां 14 कमरे बुक किए गए हैं। सभी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर मंगलवार को फैसला लेंगे।
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अमेरिका दौरे पर हैं।
- इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा क्योंकि गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 104 हो जाएगी।
- जिन विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में देखा गया था, उनमें कांग्रेस के रमेश जरकीहोली (गोकक), प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), शिवराम हेब्बार (येलापुर), महेश कुमाथल्ली (अथानी), बीसी पाटिल (हिरेकेरुर), बिरातिबासवराज (केआर पुरम), एसटी सोम शेखर (यशवंतपुर) और रामलिंग रेड्डी (बीटीएम लेआउट) शामिल हैं। जद (एस) के विधायकों में एएच विश्वनाथ (हुंसुर), नारायण गौड़ा (के आर पेट) और गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं। विश्वनाथ ने हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।