गुजरात में भीषण बारिश, 3 लोगों की मौत, सेना के हेलीकॉप्टर ने 35 को बचाया

सोमवार, 5 अगस्त 2019 (12:51 IST)
गांधीनगर। गुजरात में भारी से अति भारी वर्षा का दौर जारी है और कई इलाकों में जलजमाव के बीच सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। वर्षा जनित घटनाओं में रविवार को कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई है। सेना ने नवसारी के बिलिमोरा और गणदेवी के 2 स्थानों से पानी के बीच फंसे 35 से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला है।

शाम छह बजे तक राज्य के 28 जिलों के 146 तालुका में वर्षा दर्ज की गई जिसमें से सर्वाधिक 270 मिमी सूरत के उमरपाड़ा में हुई है जहां शनिवार को भी 416 मिमी की सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई थी। इस तरह से पिछले 36 घंटे में वहां लगभग 700 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। वर्षा जनित घटनाओं में आज कम से कम 3 लोगों की मौत हुई है।

भरूच जिले के वागरा तालुका के नादिडा गांव में वर्षा के बीच एक घर की दीवार गिर जाने से 3 सगी बहनों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के ऊपर मौजूद 2 निम्न दबाव के क्षेत्रों के प्रभाव से आगामी 4 दिनों में भी भारी वर्षा की चेतावनी दी है। दक्षिण तथा मध्य गुजरात के नवसारी, वलसाड, सूरत, वडोदरा, छोटा उदेपुर, भरूच, नर्मदा आदि में सैकड़ों लोगों को स्थानांतरित किया गया है।

सेना ने नवसारी के बिलिमोरा और गणदेवी के 2 स्थानों से पानी के बीच फंसे 35 से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला है। राज्य के विभिन्न बांधों और जलाशयों तथा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नर्मदा पर बने सरदार सरोवर बांध के जल स्तर में भी 80 सेमी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। पूर्णा, कावेरी, औरंगा, अंबिका, कोलक, विश्वामित्री, पार, ढाढर आदि नदियों का जल स्तर बढ़ जाने से इनके किनारे के इलाकों को सतर्क कर दिया गया है।

ज्ञातव्य है कि वर्षा के दौर के बीच राज्य में कुल मानसूनी वर्षा का औसत अब 60 प्रतिशत के निकट पहुंच गया है। रविवार सुबह 6 बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान कुल 33 में से 32 जिलों के 188 तालुका में वर्षा हुई थी, जिसमें सर्वाधिक 416 मिमी उमरपाड़ा में थी। 39 तालुका में 100 मिमी अथवा इससे अधिक तथा 14 में 200 मिमी अथवा अधिक वर्षा हुई थी। आणंद के खंभात में 385 मिमी, सूरत के ओलपाड में 325 मिमी, डांग के वघई में 304 मिमी, सूरत के मांगरोल में 278 मिमी वर्षा हुई थी।

बाढ़ प्रभावित वडोदरा में 101 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। भारी वर्षा और जलजमाव के कारण रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि कई अन्य को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। सड़क यातायात पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।

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