याचिकाकर्ताओं के वकील वीबीएस नेगी ने बताया कि यह भी दलील दी गई कि समिति को भंग किए जाने के पीछे राजनीतिक उद्देश्य थे क्योंकि इसका गठन दिसंबर 2016 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय किया गया था। इस वर्ष मार्च में सत्ता में आने के बाद नई भाजपा सरकार ने एक अप्रैल को समिति को भंग करने का आदेश दिया था। (भाषा)