सटीक भविष्यवाणियों के कारण जापान में लोकप्रिय हो रही है भारतीय ज्योतिष विद्या

Webdunia
मुंगेर। बिहार में मुंगेर के 2 ज्योतिषाचार्यों की सटीक भविष्यवाणियों के कारण भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या इन दिनों जापान में तेजी के साथ लोकप्रिय हो रही है। पश्चिमी ज्योतिष विज्ञान के पक्षधर रहे जापान में भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या को अपनी सटीक भविष्यवाण्यिों से लोकप्रिय बनाने में बिहार में मुंगेर के 2 ज्योतिषाचार्य आचार्य पी. संजय और मृदुला सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
 
 
जापान के 62 वर्षीय ज्योतिषाचार्य हिदेतोशी ओनोजुका ने रविवार को यहां जापान के लोगों का भारतीय वैदिक ज्योतिष विज्ञान की ओर आकर्षित होने के कारणों का उल्लेख करते हुए बताया कि 4 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश में मथुरा जिले के वृंदावन में मुंगेर राज मंदिर में उनकी पहली मुलाकात राष्ट्रीय स्तर के ज्योतिषाचार्य आचार्य पी. संजय और मृदुला सिंह से हुई। वे जापान में पश्चिमी ज्योतिष विद्या से कई दशकों से जुड़े थे। लेकिन भारतीय ज्योतिषाचार्यों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने वैदिक ज्योतिष विज्ञान को सीखा।
 
ओनोजुका ने बताया कि उन्होंने जापान में अपने लोगों के बीच भारतीय वैदिक ज्योतिष की सटीक भविष्यवाणियों की जानकारी दी। धीरे-धीरे जापान के टोकियो शहर में वैदिक ज्योतिष से जापान के लोगों का लगाव बढ़ने लगा।
 
उन्होंने बताया कि उन्होंने टोकियो के एक प्रमुख विश्वविद्यालय से 'एग्रीकल्चरल केमिस्ट्री' विषय में स्नातक की डिग्री ली है। उन्होंने जापान में वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रकाशन से जुड़ीं कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। बाद में उन्होंने सभी नौकरियां छोड़ दीं और वैदिक ज्योतिष विद्या के अध्ययन में लग गए। उन्होंने अपने गुरु आचार्य पी. संजय और मृदुला सिंह की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या में उनकी दिलचस्पी जगा दी।
 
जापान की 41 वर्षीय महिला ज्योतिषाचार्य काजू चीवा ने बताया कि वे वर्तमान में जापान में निजी वित्तीय कंपनी में नौकरी करती हैं। वे वृंदावन में मुंगेर राज मंदिर में आचार्य पी. संजय और मृदुला सिंह के संपर्क में आईं और उनका आकर्षण वैदिक ज्योतिष विद्या में बढ़ता चला गया। भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या की सटीक भविष्यवाणियों ने उन्हें काफी प्रभावित किया है। भविष्यवाणियां पारिवारिक, नौकरी, धनोपार्जन, विवाहेत्तर संबंधों से जुड़ी रही हैं।
 
चीवा ने कहा कि उन्होंने अब तक 300 जापानियों के बीच भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या और गुरु आचार्य पी. संजय और मृदुला सिंह की सटीक भविष्यवाण्यिों की चर्चा की है। अक्टूबर में जापान से 20 युवतियां भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या सीखने और आचार्य संजय से मिलने वृंदावन आई हैं।
 
उन्होंने कहा कि वैसे जापान में पश्चिमी ज्योतिष विद्या ही प्रचलित है लेकिन उसकी भविष्यवाणियां उतनी सटीक नहीं होतीं जितनी कि वैदिक ज्योतिष विद्या की गणना पर आधारित भविष्यवाणियां। उन्होंने बताया कि जापान से 20 अन्य जापानियों का दूसरा जत्था इस सप्ताह वैदिक ज्योतिष सीखने के लिए मुंगेर राज मंदिर आएगा।
 
चीवा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वैदिक ज्योतिष की सटीक भविष्यवाण्यिों से उनके और उनके मित्रों के जीवन में बदलाव आ रहा है। जापान में भी लोग शादी-विवाह, पारिवारिक रिश्तों, धनोपार्जन, नौकरी में तरक्की और प्राकृतिक विपदा की स्थितियों से निपटने में ज्योतिष विद्या की मदद लेने को व्याकुल रहते हैं।
 
ज्योतिष गुरु आचार्य पी. संजय ने बताया कि भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या पूरी तरह वैज्ञानिक गणनाओं पर आधारित एक विज्ञान है। सटीक भविष्यवाणी तक पहुंचने के लिए भारतीय ज्योतिष को वैज्ञानिक गणनाओं से गुजरना पड़ता है, साथ ही भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को जबकि पश्चिमी ज्योतिष में सूर्य को अधिक महत्व दिया जाता है।
 
आचार्य ने कहा कि सटीक भविष्यवाण्यिों के कारण ही आज जापान में एक बड़ा वर्ग भारतीय वैदिक ज्योतिष विद्या की ओर आकर्षित हो रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि जापान की 20 युवतियां सटीक भविष्यवाणियों की ज्योतिष विद्या जानने के लिए उनसे मिलने वृंदावन में पिछले 15 दिन से इंतजार कर रही हैं। 

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