मांझी ने कहा, 'बिहार में वर्ष 2017 तक एससी - एसटी अधिनियम के तहत दर्ज 25,943 मामले लंबित थे। इनमें से सिर्फ 89 मामलों में सजा हुई जो महज 0.34 फीसदी है। नीतीश एक दशक से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री हैं। आंकड़े दलितों की हालत को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को खुद बयां कर रहे हैं।' (भाषा)