जेएनयूटीए अध्यक्ष आइशा किदवई ने बताया, 'एनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) कुलपति द्वारा जेएनयू परिसर में टैंक लगाने की मांग से अचंभित है। यह आश्चर्यजनक है कि प्रोफेसर जगदीश कुमार युद्ध के समान को कैंपस में लगाकर देशभक्ति की भावना प्रेरित कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि जेएनयू समुदाय को अपने देश के प्रति प्रेम और सहानुभूति के लिए इस तरह की चीजों की जरूरत नहीं है। छात्रों और शिक्षकों द्वारा इस मांग को लेकर आलोचना झेल रहे कुलपति ने बताया कि हमारे पूर्व छात्रों द्वारा दिए गए बलिदान को पहचान दिलाने के लिए टैंक की मांग की गई थी। जेएनयू सेना के तीनों अंगों थल सेना, नौसेना और वायु सेना के कैडेटों को डिग्री जारी करता है।
जेएनयू छात्र संघ की जनरल सेक्रेटरी सतरूपा चक्रबर्ती ने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान की प्राथमिक जरूरत अच्छी शैक्षणिक व्यवस्था, वाद-विवाद और चर्चा के लिए बौद्धिक माहौल और बुनियादी सुविधाएं होती हैं। युद्ध का सामान लगाकर राष्ट्रवाद नहीं पैदा किया जा सकता है। कुलपति और उनके टैंक लगाने वाले विचार की जरूरत जेएनयू को नहीं है। (भाषा)