देहरादून। जोशीमठ भूधंसाव को लेकर सोमवार को मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई संबंधित विभागों की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा ने मीडिया सेंटर में जानकारी देते बताया कि जोशीमठ में अब तक 603 घरों का चिन्हीकरण किया गया है जिनमें दरारें पाई गई हैं।
2 होटलों का होगा ध्वस्तीकरण: उन्होंने बताया कि अत्यधिक रूप से क्षतिग्रस्त 2 होटलों मलारी इन एवं माउंट व्यू का मेकैनिकल तरीके से ध्वस्तीकरण किया जाएगा। इसके लिए सीबीआरआई की टीम को भेजा गया था जिसके द्वारा सर्वे आदि के कार्य किए गए हैं। आवास एवं शहरी विकास विभाग को जोशीमठ का मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। भूधंसाव को रोकने के लिए सुरक्षा के कार्य तत्काल शुरू किए जाएंगे। इसके लिए टेक्निकल संस्था का सहयोग लिया जाएगा।
राहत कार्यों के लिए होगी कमेटी गठित: जोशीमठ नगर में पड़ीं दरारों के मद्देनजर ऊर्जा निगम के साथ ही पिटकुल की टीमों को भी वहां भेजा जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि राहत कार्यों के संचालन के लिए शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी। इसी तरह से जनपद स्तर पर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी।
जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान का जो टेंडर पूर्व में 20 जनवरी को खोला जाना था, उसे मौजूदा हालातों को देखते हुए अब 13 जनवरी को खोला जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक दिन रोजाना 12 बजे मुख्य सचिव जोशीमठ के संदर्भ में समीक्षा बैठक करेंगे।
सचिव ने बताया कि राज्य सरकार, भारत सरकार के संपर्क में बनी हुई है। आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिए पैकेज बनाकर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। अभी 3 स्थानों- कोटी कॉलोनी, पीपलकोटी एवं जड़ी-बूटी संस्थान में लोगों के विस्थापन का निर्णय लिया गया है।