अस्पताल की प्रभारी डीन डॉ. जयश्री मोंडकर ने कहा, वे कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशियों संबंधी रोग) से पीड़ित थे। साधु की अंतिम इच्छा के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों के मुताबिक, वे चाहते थे कि उनके शरीर को दान कर दिया जाए।
टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, द स्टेट्समैन और मराठी अखबार केसरी समेत कई समाचार पत्रों के साथ काम करने वाले साधु ने हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में विभिन्न उपन्यास लिखे जिनके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
उन्हें भारतीय भाषा परिषद, एन सी केल्कर और आचार्य अत्रे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। साधु ने कई लघु कहानियों के अलावा शिवसेना के उदय, वियतनाम युद्ध और चीनी क्रांति के बारे में भी लिखा। (भाषा)