मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ से जारी किए गए बयान मुख्यमंत्री ने लिखा है कि मुझे अभी ज्ञात हुआ है कि प्रदेश के जबलपुर में एक शासकीय स्कूल में पदस्थ एक हेडमास्टर ने एक बैठक में मेरा नाम लेकर डाकू शब्द कहे जाने के वीडियो सामने आने पर वहां के ज़िला प्रशासन ने शिकायत मिलने पर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत निलंबित किया है।
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है, मेरा ऐसा मानना है। मैं सदैव इसका पक्षधर रहा हूं। यह भी सही है कि शासकीय सेवा में पदस्थ रहते हुए उनका यह आचरण नियमों का उल्लंघन हो सकता है, इसलिए उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है, लेकिन मैं यह सोचता हूं कि इन्होंने इस पद पर आने के लिए कितने वर्षों तक तपस्या, मेहनत की होगी। इनका पूरा परिवार इन पर आश्रित होगा। निलंबन की कार्रवाई से इन्हें परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।
एक मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से इन पर निलंबन की कार्रवाई की जाए, यह नियमों के हिसाब से सही हो सकता है, लेकिन में व्यक्तिगत रूप से इन्हें माफ़ करना चाहता हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि इन पर कोई कार्रवाई हो। एक शिक्षक का काम होता है, समाज का नवनिर्माण करना, विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना। उम्मीद करता हूं कि वे भविष्य में अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे।
मैंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इनका निलंबन अविलंब समाप्त हो। इन पर कोई कार्रवाई न की जाए। वे ख़ुद तय करें कि जो इन्होंने जनता की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के लिए कहा है, क्या वह सही है? मैं इन्हें बस इतना विश्वास दिलाता हूं कि हमें ग़ैर ना समझें। हम बदले की भावना से कोई भी कार्य नहीं करेंगे और न ही अपनों की तरह आपको प्रताड़ित करेंगे।