मुंबई। स्टैंडअप कॉमेडियन कपिल शर्मा को बीएमसी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाना उल्टा भारी पड़ रहा है। नगर निकाय ने दावा किया है कि कलाकार ने न सिर्फ अपने वर्सोवा कार्यालय में निर्माण के मानदंडों का उल्लंघन किया बल्कि उपनगरीय गोरेगांव में अपने अपार्टमेंट में भी निर्माण के मानदंडों का उल्लंघन किया है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमें शर्मा के दोनों परिसरों एक वर्सोवा में और एक अन्य गोरेगांव में अवैध निर्माण किए जाने के बारे में दो अलग-अलग लोगों से दो शिकायतें मिली हैं। दोनों मामले में हमने उचित प्रक्रिया का पालन किया है और कार्रवाई शुरू करने से पहले नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्सोवा मामले में निगम ने 16 जुलाई को उन्हें नोटिस दिया था, तब से उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। हमने 4 अगस्त को उनके कार्यालय के ढांचे के अवैध हिस्से को गिरा दिया। जहां तक दूसरी शिकायत का सवाल है तो उन्हें महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर नियोजन (एमआरटीपी) अधिनियम के तहत अप्रैल में गोरेगांव (पश्चिम) में अपने 9वें तल पर स्थित अपार्टमेंट पर अनधिकृत कार्य के लिए नोटिस दिया गया था।
कपिल ने एक ट्वीट करके कल विवाद पैदा कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बीएमसी अधिकारियों ने वर्सोवा में अपने परिसर के निर्माण के लिए पांच लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। हालांकि उन्होंने अब तक नगर निकाय द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष नहीं रखा है। यह पूछे जाने पर कि क्यों वर्सोवा स्थित अवैध ढांचे को गिराने के लिए बीएमसी ने 19 दिन का समय लिया तो सहायक नगर आयुक्त के-वेस्ट वार्ड पराग मासुरकर ने कहा कि आमतौर पर हम परिसर में रहने वालों या उसके मालिकों को कुछ अतिरिक्त समय देते हैं ताकि वे अपने कार्य को उचित ठहराने के लिए प्रतियां या अनुमति पेश कर सकें और जवाब की प्रतीक्षा कर सकें।
इस बीच, हमने शिकायत ट्रैकिंग पोर्टल पर शिकायत की सामग्री और प्रकृति को अपलोड किया। मासुरकर ने कहा कि हमने एक ऑनलाइन शिकायत ट्रैकिंग प्रणाली विकसित की है। जब हमें कोई शिकायत मिलती है तो हम साइट पर जाते हैं, तस्वीरें लेते हैं और उस आधार पर हम नोटिस जेनरेट करते हैं और इसे अपलोड करते हैं और निगरानी करते हैं जब तक कि इसका निवारण नहीं कर दिया जाता।
उन्होंने कहा कि वर्सोवा परिसर मामले में शर्मा ने अपने ग्राउंड-प्लस-वन स्टोरी रो हाउस में अनधिकृत विस्तार किया और बिना अनिवार्य अनुमति के निर्माण किया। उन्होंने कहा कि चूंकि वह अनुमति की प्रतियां दिखाने के लिए आगे नहीं आए, इसलिए हमने नियम का पालन किया और जब भी हमें पुलिस सुरक्षा मिली हमने उसे गिरा दिया।
रिश्वत मांगने वाले बीएमसी अधिकारियों के नाम पर शर्मा से कोई जवाब अब तक नहीं मिला है, ताकि दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सके। सतर्कता विभाग के मुख्य अभियंता मनोहर पवार ने कहा कि शर्माजी ने हमसे या हमारे विभाग के साथ अब तक कोई संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने अभिनेता से कल रिश्वत की मांग करने वाले अधिकारी के नाम का खुलासा करने का अनुरोध किया था। शर्मा के ट्विटर पर 63 लाख फॉलोअर हैं और जबसे उन्होंने अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया, इसको लेकर सभी बड़े राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। (भाषा)