कश्मीर को फिर अशांत कर सकते हैं पत्थरबाज

सुरेश एस डुग्गर

शुक्रवार, 3 मार्च 2017 (11:27 IST)
श्रीनगर। कश्मीर में बनी हुई शांति बस कुछ दिनों की है। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि अलगाववादी और पत्थरबाज जो अशांति भंग की तैयारियों में जुटे हैं उससे निपटने को कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने पैलेट गन के 6 लाख कारतूसों की मांग की है मांग की है और अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो इनकी आपूर्ति अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
 
पिछले साल केरिपुब ने पत्थरबाजों से निपटने की खातिर 700 के लगभग पैलेट गनों और सवा लाख कारतूसों का सहारा लिया था। लेकिन अब अधिकारियों को आशंका है कि इस बार अगर हिंसा भड़की तो उसका स्तर पिछले साल से अधिक होगा। कारण स्पष्ट है। आतंकी भी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और पत्थरबाज नई नीतियों पर चलते हुए सुरक्षाबलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।
 
अधिकारी कहते हैं कि इन 700 पैलेट गनों का इस्तेमाल सिर्फ श्रीनगर में हो रहा था लेकिन अब हिंसक आंदोलन सारी वादी में तेजी पकड़ने लगा है तो ऐसे में कश्मीर के अन्य हिस्सों में तैनात केरिपुब की कंपनियों ने भी पैलेट गनों की मांग की है ताकि वे प्रदर्शनकारियों पर सीधे तौर पर गोलियां न दागें।
 
हालांकि अधिकारी कहते थे कि इस बार पैलेट गनों की जो नई खेप आने वाली है वह डिफलेक्टरों के साथ तैयार की गई है जिस कारण दागे गए कारतूस प्रदर्शनकारी की छाती से उपर के हिस्से पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे। लेकिन कश्मीर में जो 1,200 से अधिक प्रदर्शनकारी अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं उनको देखकर नहीं लगता कि प्रदर्शनकारियों की छाती या पांव को निशाना बनाकर पैलेट गन के कारतूस फायर किए गए होंगे।
 
यही कारण था कि केरिपुब की और पैलेट गन तथा लाखों की संख्या में कारतूस मंगवाने के आग्रह से कश्मीर में अभी से हाहाकर मचना आरंभ हो गया है। कश्मीरी कहते हैं कि केंद्र सरकार कश्मीरियों को अंधा बनाने पर जुटी हुई है और इसके विरुद्ध प्रदर्शन भी आरंभ हो गए हैं।
 
इस मसले पर विपक्षी दल ही नहीं बल्कि अधिकतर पीडीपी नेता भी एकजुट हैं जिनका कहना है कि कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटने की खातिर पैलेट गन जैसे हथियार का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। 

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