मुंबई। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की सीबीआई हिरासत 29 दिसंबर तक बढ़ा दी है।
जांच एजेंसी ने कुछ देर पूछताछ के बाद गत शुक्रवार को कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था। धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों को बुधवार को विशेष न्यायाधीश एसएम मेनजोगे की अदालत में पेश किया गया। बुधवार को उनकी मौजूदा हिरासत की अवधि समाप्त हो रही थी।
सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक ए. लिमोसिन ने मामले की जांच के सिलसिले में इनकी हिरासत 2 दिन ओर बढ़ाने का अनुरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोचर दंपति और धूत की हिरासत 29 दिसंबर तक बढ़ा दी।
सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।
एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपए की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।
प्राथमिकी के अनुसार इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपए का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।(भाषा)