गौरतलब है कि गत बुधवार रात को लश्कर आतंकी मोहम्मद सलीम अहमद पर्रे ने अपने साथियों संग बुधवार रात 11.45 बजे बोन मोहल्ले में रहने वाले अब्दुल गफ्फार बट व उसके परिजनों को पीटा और उसके बाद उसने अब्दुल गफ्फार व उसके 25 वर्षीय पुत्र मंजूर अहमद बट को अगवा कर अपने साथ ले गया। लेकिन रास्ते में अब्दुल गफ्फार आतंकियों की चंगुल से भाग निकला। इस पर आतंकियों ने उस पर गोली चलाई, लेकिन जख्मी होने के बावजूद वह रुका नहीं। फिलहाल वह अस्पताल में उपचाराधीन है।
आज सुबह स्थानीय लोगों ने मंजूर का सिरकटा शव उसके मोहल्ले से कुछ ही दूरी पर खेतों में देखा। उन्होंने उसी समय पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसने शव को तत्काल अपने कब्जे में ले लिया। पुलिसकर्मियों ने दिवंगत के सिर को भी तलाश किया, लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक सिर नहीं मिला था। फिलहाल पोस्टमॉर्टम के बाद दिवंगत की सिरकटी लाश उसके परिजनों के हवाले कर दी गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मंजूर की हत्या से पहले सोमवार की रात को लश्कर आतंकी सलीम पर्रे ने अपने साथियों संग हाजिन में नसीर अहमद पर्रे को उसकी ससुराल से अगवा कर लिया था। नसीर का शव मंगलवार को मिला था। नसीर को अगवा करने के अलावा आतंकियों ने उसकी पत्नी व सास और एक अन्य रिश्तेदार को पहले चाकुओं से जख्मी कर उन पर गोलियों की बौछार की थ। उसके तीनों रिश्तेदार फिलहाल अस्पताल में उपचाराधीन हैं।