कथित गौरक्षकों की अब खैर नहीं, मॉब लिंचिंग करने वालों को मिलेगी 5 साल की जेल

विशेष प्रतिनिधि

गुरुवार, 27 जून 2019 (10:04 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में मॉब लिंचिंग करने वालों को अब कड़ी सजा मिलेगी। कमलनाथ कैबिनेट ने प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने और कथिक गौरक्षकों को खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
 
इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश में संभवत पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कानून बनाया है। खुद को गौरक्षक बताकर हिंसा करने वालों लोगों को खिलाफ इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी की बाद सरकार अब इस विधेयक को विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में इस कानून के लागू होने के बाद उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी, जो संदेह के आधार पर लोगों के साथ मारपीट करते हैं।
 
क्या हैं नया कानून : मॉब लिंचिंग के खिलाफ बनाए जाने वाले नए कानून के मुताबिक अब अगर कोई व्यक्ति गौवंश का वध, गौमांस और गौवंश के परिवहन में आने जाने में वध करना, मांस रखना या सहयोग करता तो ऐसा करने वालों को 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
 
मॉब लिंचिंग के लिए चर्चित रहा है मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश पिछले कुछ समय से मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए चर्चित रहा है। कुछ दिनों पहले सिवनी में गौ मांस ले जाने के शक में महिला समेत 3 युवकों को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। पिछले दिनों झारखंड में मॉब लिंचिंग में एक युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था।

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