मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार रामामूर्ति की पीठ ने कहा कि हम सिद्धांतत: पाते हैं कि राज्यों द्वारा अखिल भारतीय कोटे को दी गई तमिलनाडु की राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की मेडिकल की स्नातक/परास्नातक सीटों पर ओबीसी आरक्षण का लाभ देने में कोई कानूनी या संवैधानिक रुकावट नहीं है, लेकिन यह बात आगे उच्चतम न्यायालय के आदेशों और निर्देशों पर निर्भर करेगा।
अदालत ने भारतीय चिकित्सा परिषद के उस तर्क से असहमति जताई कि अखिल भारतीय कोटे में आरक्षण से गुणवत्ता से समझौता होगा। अदालत ने कहा कि यह तर्क कमजोर पड़ जाता है, क्योंकि नीट परीक्षा के ढांचे को इस तरह से तैयार किया गया है कि अब सिर्फ उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलेगा, जो न्यूनतम तय योग्यता रखते हों।