राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार खट्टर के लिए प्रशासनिक फ्रंट पर पिछली सरकार द्वारा राज्य के ऊपर छोड़ा गया एक मोटा कर्ज, भाजपा चुनाव घोषणापत्र में बुजुर्ग पेंशन व बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था करना, अफसरशाही को चुस्त, मुस्तैद करना सरकार को पारदर्शी/ जवाबदेह बनाना बड़ी चुनौती होगा जबकि दूसरी और राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों, भर्ती, भूखंड घोटालों की जांच के वादे को भी उनकी सरकार पर पूरा करने की जिम्मेवारी है। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान भी भाजपा ने रॉबर्ट वॉड्रा के गुड़गांव में हुए सौदे की जांच करवाने तथा सुशासन देने का वादा किया था। संघ के प्रचारक और भाजपा से जुड़ने के बाद से वे राज्य का व्यापर दौरा करते रहे हैं। यहां की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं।