जालना के जिलाधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल ने आदेश में कहा कि जरांगे ने रविवार को घोषणा की कि वह मुंबई जाएंगे और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर आंदोलन करेंगे। इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि लोग उन्हें (मुंबई जाने से) रोकने के लिए जालना के अंतरवाली सरती गांव में आ सकते हैं, जहां कार्यकर्ता भूख हड़ताल कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही, दूध वितरण, मीडिया और अस्पतालों को इस आदेश से छूट दी गई है। जरांगे रविवार की रात अंतरवाली सरती से रवाना होकर पास के भांबेरी गांव पहुंचे। हालांकि, सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता अंतरवाली सरती लौट आए और चिकित्सा उपचार लेना शुरू कर दिया।
जरांगे ने रविवार देर रात यह टिप्पणी तब की जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरोप लगाया कि फडणवीस उनकी हत्या करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उपमुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जरांगे का सनसनीखेज दावा : उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें सेलाइन के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। जरांगे बाद में अंतरवाली सरती से चले गए और मुंबई जाते समय छत्रपति संभाजीनगर के भांबेरी गांव में रुके। मुख्यमंत्री की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा कि मैंने इन्हें सुना नहीं है, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि (मराठों के) रिश्तेदारों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों लागू नहीं की गई। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala