बसपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली अहंकारी और निरंकुश सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण नोटबन्दी कर पहले तो देश को आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति में डालकर परेशान किया और अब यह आशंका सभी देशवासियों को परेशान कर रही है कि बैंकों में रखा उनकी अपनी मेहनत की कमाई का धन भी उनका नहीं रह जाएगा।
मायावती ने कहा कि वर्ष 2016 की तरह 2017 भी देश-प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक ईमानदार एवं मेहनतकश आम जनता के लिए गहरे आर्थिक संकट तथा मुसीबतों के पहाड़ जैसा गुजरा है। उसके मद्देनज़र क़ुदरत से यह विशेष प्रार्थना है कि कल से शुरू होने वाला नया वर्ष सुकून, शान्ति तथा नई उम्मीदों वाला साबित हो। (भाषा)