एक शिक्षक ने सोमवार को बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने पर सरकारी विज्ञापन 5वीं कक्षा के छात्रों के पंजाबी विषय में शामिल किया गया था और फिर उससे संबंधित प्रश्न पूछे गए। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के संबंध में छात्रों को तैयार करने के लिए 5वीं कक्षा की परीक्षा सोमवार से शुरू हुई। पठन-पाठ की उपलब्धि का आकलन करने के उद्देश्य से एनएएस का आयोजन नवंबर में होगा।
छात्रों से पूछे गए प्रश्नों में से एक सवाल था- 'यह विज्ञापन किस बारे में है?' एक और सवाल था- 'कब बढ़ी हुई सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण शुरू हुआ?' राज्य सरकार ने पूर्व में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 750 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,500 रुपए प्रतिमाह करने की घोषणा की थी। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (पंजाब) के अध्यक्ष विक्रम देव सिंह ने प्रश्नपत्र में विज्ञापन शामिल किए जाने की निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार परीक्षाओं के माध्यम से अपनी योजनाओं को प्रचारित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बिलकुल गलत है। हम इसकी निंदा करते हैं।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने प्रश्नपत्र में कल्याणकारी योजना से संबंधित विज्ञापन को अनैतिक कदम बताया। चीमा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा को शिक्षा ही रहने दो। कल से आप सरकारी विज्ञापन देना शुरू कर देंगे और स्कूली पाठ्यपुस्तकों में मंत्रियों की तस्वीरें डाल देंगे, इसका कोई अंत नहीं है।
पंजाब में मुख्य विपक्षी दल आप ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। आप के नेता हरपाल सिंह चीमा ने एक ट्वीट में कहा कि यह बेशर्म प्रचार की पराकाष्ठा है। कैप्टन अमरिंदर, आप क्या करने की कोशिश कर रहे हैं? आप अपने झूठे प्रचार से प्रदेश के बच्चों को भी नहीं बख्श रहे हैं। इस तरह के हथकंडे आपको और आपकी पार्टी को कहीं नहीं पहुंचाएंगे।(फ़ाइल चित्र)