इसके बाद ही ठाकुरजी बच्चे के रूप में उनके सामने प्रकट हो गए और उन्होंने कहा कि 'बाबा, तुम अब वृद्ध हो गए हो इसलिए गिर्राज की परिक्रमा न किया करो।' इसे सुनकर सनातन गोस्वामी कीअश्रुधारा बह निकली और वे फिर परिक्रमा करने लगे, तो ठाकुरजी चतुर्भुज रूप में उनके सामने प्रकट हो गए और उनसे परिक्रमा न करने के बारे में सलाह दी। (वार्ता)