दरअसल, बुधवार देर रात तीन मंजिला इमारत की दो मंजिल, एक मंजिलें घर पर गिर जाने से 8 बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी। शेख (45) उसी इमारत में परिवार के साथ किराए पर रहते थे और इमारत गिरने से महज कुछ मिनट पहले दूध लेने के लिए घर से बाहर गए थे।
शेख जब लौटे तो पाया कि उनकी दुनिया ही उजड़ चुकी है। उनकी पत्नी, भाई, भाभी और दोनों परिवारों के 6 बच्चों की जान इस हादसे में चली गई। शेख ने पत्रकारों को बताया कि परिवार का एक अन्य सदस्य मलबे में दबने की वजह से घायल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार में अब 16 साल का बेटा बचा है जो हादसे के वक्त दवा खरीदने के लिए घर से बाहर था।
शेख ने बताया कि जब हादसा हुआ, तब मैं सुबह की चाय के लिए दूध लेने गया था। मैं नहीं जानता था कि इमारत इतनी खस्ताहाल है। मेरे परिवार को इमारत गिरने के वक्त वहां से निकलने का समय ही नहीं मिला। उन्होंने बताया कि जब वह लौटे तो देखा कि कई स्थानीय लोग बचाव दल के आने से पहले घटनास्थल से मलबा हटा रहे हैं।