Monsoon Rain Updates : मुंबई में मानसून की दस्तक, जलभराव से आमजन परेशान, 14 राज्यों में तेज बारिश का अनुमान (Photos)

बुधवार, 9 जून 2021 (20:58 IST)
मुंबई में मानसून ने दस्तक दे दी है। आज सुबह हुई बारिश के बाद शहर के कुछ निचले इलाकों में जल भराव हो गया। मानसूनी बारिश के पहले दिन बुधवार को ठाणे और पड़ोसी पालघर जिले में भूस्खलन और दीवारों के गिरने की घटनाएं हुईं।

ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने कहा कि इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन भारी बारिश के दौरान पेड़ों के गिरने से कम से कम 6 वाहनों को नुकसान हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक कुछ दिनों में मध्यप्रदेश, गुजरात और बिहार समेत 14 राज्यों में तेज बारिश हो सकती है। 
 
मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दी और पहले ही दिन भारी बारिश से देश की वित्तीय राजधानी तथा उसके उपनगरों में कई स्थानों पर पानी भर गया जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सड़क यातायात के साथ ही लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई और पड़ोसी ठाणे, पालघर तथा रायगढ़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
भारी बारिश के कारण मुंबई के विभिन्न हिस्सों में पानी भर गया और इसके कारण यातायात पुलिस को चार सबवे बंद करने पड़े वहीं कई चालकों को अपने वाहन सड़कों पर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुयीं जो केवल स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मियों के लिए चल रही हैं। पुलिस उपायुक्त (यातायात) पश्चिमी उपनगर सोमनाथ घरगे ने कहा कि हमने कुछ स्थानों पर दो फुट तक पानी भर जाने के कारण चार सबवे बंद कर दिए हैं। 
 
हालांकि, एसवी रोड, लिंकिंग रोड और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात सुचारू है। अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश के कारण दृश्यता कम हो गई और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इसलिए यातायात पुलिस कर्मी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर फंसे वाहनों को हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बीच पुलिस ने मुंबई वासियों से अपने घरों से अनावश्यक बाहर नहीं निकलने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से पड़ोसी ठाणे और नवी मुंबई में वाशी तक की उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को पटरियों पर पानी भर जाने के कारण स्थगित कर दिया गया है। 

आईएमडी के अनुसार पश्चिमी उपनगर सांताक्रूज में सुबह 8.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक छह घंटों में 164.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि दक्षिण मुंबई के कोलाबा में इस दौरान 32.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के मुंबई कार्यालय के प्रमुख डॉ जयंत सरकार ने सुबह कहा कि आज मानसून मुंबई पहुंच गया। आईएमडी ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में महाराष्ट्र के शेष हिस्सों में मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। 
 
इस बीच पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि पश्चिम रेलवे मार्ग पर कोई व्यवधान नहीं आया और उसकी लोकल ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि पानी निकालने के लिए पंप लगाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बारिश के कारण जमा हुए पानी को जल्द से जल्द निकाला जाए और परिवहन व्यवस्था फिर से बहाल की जाए। मुख्यमंत्री ठाकरे ने मुंबई के नियंत्रण कक्षों के अलावा ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और पालघर के जिलाधिकारियों से बातचीत की।
लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में मध्यम से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। सीएमओ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि तटीय क्षेत्र के निवासियों को असुविधा न हो और जहां जरूरी हों, राहत कार्य शुरू किए जाएं। भारी बारिश के कारण मुंबई में विभिन्न स्थानों पर पानी भर जाने को लेकर महाराष्ट्र के भाजपा नेता आशीष शेलार ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर निशाना साधा और कहा कि मानसून से पहले सफाई का काम पूरा कर लिए जाने के दावे की पोल खुल गई है। 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में मुंबई के नाले, सीवर और खुली नालियों की सफाई में व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती गई। शेलार ने कहा कि शिवसेना शासित बीएमसी के इस दावे की पोल खुल गई है कि मानसून से पहले नालों, सीवर और खुली नालियों की सफाई का सौ प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया था, क्योंकि शहर में भारी बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव हो गया। पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष नगर में नालों, सीवर और खुली नालियों की सफाई के लिए 150 करोड़ रुपए आवंटित किए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों, सत्ताधारी दल और अधिकारियों की मिलीभगत से पिछले पांच साल में एक हजार करोड़ रूपये की लूट हुई है।
 

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