मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ऊपर बिहार के विकास और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और दूसरी ओर पार्टी का भी विस्तार तेज गति से किए जाने की जरूरत है, लेकिन फिलहाल यह काम तेज गति से नहीं हो पा रहा था इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सिद्धांत के आधार पर जागरूक किया जाए। समाज में किसी तरह का मतभेद नहीं हो इसका प्रयास वे करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि समाज में नफरत का माहौल बनाया जाता है। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वे चाहेंगे कि अच्छी बातें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच प्रचारित हो और समाज में किसी तरह का मतभेद नहीं हो।
कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायकों के भाजपा में शामिल कराए जाने की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि वहां क्या हुआ सब लोग अच्छी तरह से जान लीजिए, हमारे 6 लोग उन्होंने निकाल लिए लेकिन पार्टी का एक विधायक अभी भी डटा हुआ है। पार्टी की ताकत को समझिए। हमें सिद्धांत के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है। (वार्ता)