हालांकि, प्रमुख रेस्टोरेंट व ढाबों में तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड तथा मोबाइल वालेट से भुगतान किया जा सकता है लेकिन सबसे ज्यादा मार रेहड़ी, खोमचे वाले व अन्य ढाबों पर पड़ी है। (भाषा)
कनाट प्लेस में एक ढाबा चलाने वाले राजवीर सिंह ने कहा कि हम किफायती दरों पर खाना परोसते हैं और कार्ड से भुगतान की सुविधा नहीं हैं। पहले हमारे यहां भीड़ लगी रहती थी लेकिन अब लोग दाल मक्खनी या शाही पनीर के लिए तो चैक से भुगतान नहीं कर सकते। इसलिए जिन ग्राहकों के पास नकदी नहीं होती उन्हें वापस लौटाना पड़ता है। अनेक खुदरा स्टोरों व रेस्टोरेंट ने तो सरकार के नियमों के अनुपालन संबंधी नोटिस अपने दरवाजे पर लगा दिए हैं।