फौजा सिंह (114) जालंधर स्थित अपने पैतृक गांव ब्यास पिंड में जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर सोमवार शाम टहलने निकले थे, तभी ढिल्लों के वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। ढिल्लों उस समय भोगपुर से किशनगढ़ जा रहा था। हादसे में फौजा सिंह को गंभीर चोटें आईं और उसी दिन उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि फौजा सिंह 5 से 7 फुट तक हवा में उछल गए थे।
फौजा सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़नी शुरू की थी और फिर दुनिया भर में अपने जोश एवं जज्बे का डंका बजाया। उनकी एथलेटिक क्षमता के कारण उन्हें टर्बन्ड टॉरनेडो कहा जाने लगा। वह 100 वर्ष की आयु में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति बने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए।